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कुर्मी समाज एक परिश्रमी और आत्मनिर्भर समाज है, जो परंपरागत रूप से खेती-किसानी से जुड़ा रहा : मुख्यमंत्री साय

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रायपुर

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय  राजधानी रायपुर के बलवीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में आयोजित छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज रायपुर राज के 79वें महाधिवेशन में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने ग्राम नरदहा में कुर्मी समाज के सामाजिक भवन हेतु 50 लाख रुपये की घोषणा की।

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कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा भारत माता, छत्तीसगढ़ महतारी और प्रदेश की महान विभूतियों के छायाचित्रों पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुई।

इस अवसर पर राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा, पूर्व राज्यपाल रमेश बैस, रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू, तथा छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के केंद्रीय अध्यक्ष खोड़स राम कश्यप सहित समाज के अन्य पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने महाधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि कुर्मी समाज एक परिश्रमी और आत्मनिर्भर समाज है, जो परंपरागत रूप से खेती-किसानी से जुड़ा रहा है और विकास के पथ पर निरंतर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के तहत किए गए वायदों में से अधिकांश वायदे हमारी सरकार द्वारा अल्पकाल में ही पूर्ण किए जा चुके हैं।

उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों में नगद भुगतान की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अटल डिजिटल सुविधा केंद्र प्रारंभ किए जा रहे हैं। इसके लिए आज एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। प्रदेश की 1460 ग्राम पंचायतों में यह सुविधा 24 अप्रैल, पंचायत दिवस से प्रारंभ होगी, और इसका विस्तार चरणबद्ध ढंग से किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शपथ ग्रहण के दूसरे ही दिन गरीबों के लिए 18 लाख पक्के मकानों की स्वीकृति दी गई। कुर्मी समाज के कृषक हितों को ध्यान में रखते हुए, किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से और 21 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से धान की खरीदी की गई, साथ ही पिछले दो वर्षों का धान बोनस भी किसानों को दिया गया।

महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपये की राशि दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि दो दिन पूर्व केंद्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें फोन कर यह जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ के लिए 3.5 लाख नए आवास और स्वीकृत किए जा रहे हैं। इससे हम और अधिक जरूरतमंदों को पक्का आवास उपलब्ध कराकर घर के सपने को साकार कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना, जो पूर्व में बंद कर दी गई थी, अब पुनः प्रारंभ की जा चुकी है, ताकि हमारे बुजुर्ग अपने इच्छित तीर्थ स्थलों की यात्रा कर सकें। उन्होंने कहा कि जीवन में एक बार तीर्थ करने की इच्छा हर बुजुर्ग की होती है, लेकिन आर्थिक कारणों से यह सपना अधूरा रह जाता है, जिसे अब हम साकार कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि तेन्दूपत्ता संग्राहकों के पारिश्रमिक को 4000 रुपये से बढ़ाकर 5500 रुपये किया गया है। वनवासी भाइयों के पैरों की पीड़ा को ध्यान में रखते हुए, चरण पादुका योजना को वर्ष 2025-26 के बजट में पुनः शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, और इस दिशा में लगातार प्रभावी कार्य कर रही है। इस अवसर पर समाज के गणमान्य नागरिकों सहित बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधिगण भी उपस्थित थे।

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