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केंद्र ने अगले लोकसभा चुनाव से पहले साफ करने का रखा टारगेट, चार साल में पीने लायक हो जाएगा यमुना का पानी!

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नई दिल्ली 
दिल्ली सरकार और जलशक्ति मंत्रालय ने यमुना नदी की सफाई का नया मॉडल बनाया है. इसके तहत अगले लोकसभा चुनाव से पहले यमुना नदी का पानी पीने के काबिल हो जाने की बात कही गई है. पीएम मोदी ने टारगेट दिया है कि अगले डेढ साल में यमुना नदी का पानी नहाने लायक और उसके बाद के डेढ़ साल यानी कुल तीन साल बाद यमुना नदी का पानी होगा पीने लायक होना चाहिए. पीएम मोदी ने गृहमंत्री अमित शाह और जलशक्ति मंत्री के साथ हुई मीटिंग में ये बात कही है. गृहमंत्री अमित शाह यमुना क्लीन प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग करेंगे.

मौजूदा वक्त में यमुना नदी की सफाई का तीसरा दौर चल रहा है. नदी में जलकुंभी की सफाई मशीनों से चल रही है, जो जल्द पूरी हो जाएगी. उसके बाद ड्रेजिंग के जरिए नदी की तलहटी को साफ किया जाएगा, जिससे नदी में पानी का फ्लो बना रहे. नाले से गिरने वाले पानी को साफ करने के लिए जल्द ही एसटीपी बनाए जाएंगे. इन STP के लिए टेंडर जारी करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. STP में नालों के गंदे पानी को यमुना में गिरने से पहले साफ और ट्रीटमेंट किया जाएगा, जिससे उससे हानिकारक केमिकल और गंदगी को अलग किया जा सके. यमुना सफाई के काम के लिए 500 वॉलंटियर भी भर्ती किए जा रहे हैं, जो यमुना नदी के किनारे खड़े रहेंगे और लोगों को यमुना में गंदगी/पूजा सामग्री को फेंकने से रोकेंगे और जागरूक भी करेंगें.
 
दिल्ली में यमुना नदी के किनारे पानी में तैरता कचरा 
यमुना में हर रोज 9 घण्टे सफाई का काम हो रहा है. प्रतिदिन 140 घनमीटर जलकुंभी निकाला जा रहा है. वजीराबाद पुल, सोनिया विहार सहित कई जगहों पर जलकुंभियों को साफ कर दिया गया है. इसके लिए ट्रेस स्किमर, रोबोटिक ट्रेस और एक्जेवेटर का इस्तेमाल किया जा रहा है.

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मिशन मोड में सफाई…
दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनने के साथ ही यमुना की सफाई को लेकर केंद्र सरकार ने गम्भीरता दिखाई और पेपर वर्क शुरू हुआ. इसके साथ ही यमुना में मशीनें भी उतारी गईं. सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी के निर्देश पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय मिशन मोड में काम शुरू कर दिया है. सिलसिलेवार ढंग से यमुना की सफाई का काम मिशन मोड में शुरू भी हो गया है. यमुना क्लीन प्रोजेक्ट में ऐसी मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है, जो दिल्ली में प्रवाहित हो रही यमुना के हिस्से से जलकुंभी को बाहर करने में लगी हुई हैं. जलकुंभी हटाने के लिये 45 दिन का वक्त तय किया गया है. इसमें से 20 दिन का कार्य संपन्न भी हो गया.

जलशक्ति मंत्री सी आर पाटिल खुद इस सम्बंध में लगातार बैठके और निगरानी कर रहे हैं. वैसे दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच समन्वय और जरूरी निर्देश/ सलाह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कर रहे हैं. यमुना सफ़ाई को लेकर पिछले हफ़्ते गृहमंत्री अमित शाह ने जलशक्ति मंत्रालय और दिल्ली सरकार की बैठक की थी, जिसमे अभी तक यमुना सफ़ाई प्रोजेक्ट को लेकर अभी तक हुए कामो की समीक्षा की गई थी और आगे के रोड मैप को लेकर चर्चा हुई थी.

 

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